मध्य प्रदेश आत्महत्या रोकथाम नीति 2022 – इस आर्टिकल में आपको ” मध्य प्रदेश आत्महत्या रोकथाम नीति 2022 ” के बारे में विस्तार से जानेंगे जो आने वाले समय में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही है। यह नीति प्रदेश भर में बढ़ रही आत्म हत्या की घटनाओ पर रोक लगाने के लिए और मानव जीवन की रक्षा करने क लिए यह नीति बनाई जा रही है।
प्रदेश भर आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार में इसके लिए कानून बनाए जाएगा। जानकारी के मुताबिक आत्महत्या रोकथाम नीति ( सुसाइड प्रिवेंशन पॉलिसी ) लाने के लिए मध्यप्रदेश की सरकार तैयारियों में झूटी हुई है और अपने देश का यह पहला राज्य बनेगा जो , इस तरह की पॉलिसी लाई जाएगी
आत्महत्या क्या है ?
आत्महत्या का अर्थ है ” स्वयं को मरना ” यानि खुद ही खुद को जान से मरने की कोशिश करना।
आत्महत्या जानबूझ कर अपनी मृत्यु का स्वयं कारण बनना है। अक्सर आत्महत्या किसी निराशा के चलते की जाती है। आत्महत्या करने के पिछले कई घटक होते है जैसे मादक पदार्थ का सेवन , डिप्रेशन , वित्तीय कठिनाइया , प्रतिकूल पारिवारिक सम्बन्ध आदि। आत्महत्या और आत्महत्या की कोशिश करना दोनों दंडनीय अपराध है। आत्माहत्या करने के भी अलग अलग तरीके है जैसे फाँसी लगाना , नदी – नहर में डूब के , जहर पीकर , खुद को बन्दुक की गोली मरना , खुद को जला कर , जानबूझ कर सड़क दुर्घटना करके आदि लेकिन इन सब में से फाँसी लगा कर आत्महत्या करना सबसे आम तरीका है।
आत्महत्या ( Suicide ) एक ऐसी मृत्यु है जिसे रोका जा सकता है , नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार आत्महत्या करने वालों की संख्या 2019 के मुकाबले 2020 में बढ़ गई है। इसे रोकने के लिए आत्महत्या रोकथाम नीति बनाई जा रही है।
चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने सुसाइड प्रिवेंशन पॉलिसी की जानकारी देते हुए बताया कि मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी द्वारा दिए गए सुझाव पत्र पर सरकार ने गंभीरता से गौर करते हुए इस दिशा में काम आरंभ कर दिया है। इस कमेटी में देश के ख्यातिलब्ध मनोचिकित्सकों, विधिविशेषज्ञों, समाजशास्त्रियों को शामिल किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में इस पॉलिसी को अगले 2 से 3 महीने में लागू कर पाएं। सारंग ने कहा कि यदि पॉलिसी लागू हो जाती है तो प्रदेश देश में सुसाइड प्रिवेंशन पॉलिसी लागू करने वाला पहला प्रदेश बन जाएगा।
आत्महत्या रोकथाम नीति उद्देश्य-
मध्यप्रदेश में हो रहे आत्महत्या के मामले को रोकना
चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने एक रिसर्च का हवाला देते हुआ बताया की ” जो लोग आत्म हत्या के बारे में एक साथ 200 सोच रहे होते है उसी समय 15 लोगो द्वारा आत्महत्या को अंजाम दे चुके होते है। इस लिए मध्यप्रदेश में हो रहे आत्महत्या के मामले को रोकना इसका प्रमुख उद्देश्य है।

“आत्महत्या रोकथाम नीति” लाने वाला देश का पहला राज्य बनेगा मध्य प्रदेश
मुख्य बिंदु-
1) मध्यप्रदेश में सुसाइड प्रमोशन पॉलिसी बन रही है जिसके साथ ही मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि मध्य प्रदेश में सुसाइड के मामलों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए मध्य प्रदेश में सुसाइड प्रीवेंशन पॉलिसी तैयार की जा रही है
2) इसकी पहली बैठक 7 जुलाई को हो चुकी है सरकार जल्द से जल्द पॉलिसी तैयार करना चाहती है
3) इसी साल के अंत तक इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है इस पॉलिसी को लागू करने वाला यह देश का पहला राज्य होगा
4) आत्महत्या रोकथाम पालिसी देश की पहली ऐसी पॉलिसी होगी जो सुसाइड case पर बारीक़ी से निरीक्षण करेगी।
यह पॉलिसी लाने वाला देश का प्रथम राज्य बन जायेगा।
5) देश में पहली बार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh ) सुसाइड प्रिवेंशन पॉलिसी (suicide prevention policy) ला रहा है. इसकी जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने की है. दरअसल, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के अनुसार 2020 में देश के अंदर रोजाना 418 लोगों ने आत्महत्या की. वहीं मध्यप्रदेश में 14,578 लोगों ने 2020 में आत्महत्या कर ली।
आगामी 3 महीनों में नीति लागू करने की कोशिश
आत्महत्या के पीछे सभी कारणों जैसे आर्थिक , सामाजिक और मनोवैज्ञानिक आदि का विश्लेषण करने के बाद हर घटक के अनुसार नीति का क्रियान्वयन किया जायेगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि इस कमेटी में देश के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक , विधि विशेषज्ञों , समाजशास्त्रियों को शामिल किया जायेगा , और आने वाले 2 ,3 माह में आत्महत्या रोकथाम नीति लागू करने की कोशिश है।
आशा करते है कि आपको मध्यप्रदेश ” आत्महत्या रोकथाम नीति 2022 ” के बारे में इस आर्टिकल में जानकारी मिल गई होगी , फिर भी आपके पास कोई सवाल हो तो आप हमे कमेंट या ईमेल करके जानकारी साझा कर सकते हो।