दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना – इस आर्टिकल में आपको ” दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना ” के बारें में विस्तार से जानकारी साझा करेंगे जिसमे आपको इस योजना के ” शुभारंभ , उद्देश्य , लक्ष्य और प्रमुख बिन्दुओ के बारें में कम शब्दों में सटीक जानकारी देंगे
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना 2022
शुभारंभ-
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू द्वारा किया गया था इस योजना की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 98वे जन्म तिथि पर शुरू किया था
उद्देश्य-
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत युवाओं की समावेशी विकास को हासिल करने के लिए कौशल और उत्पादक क्षमता को विकसित करना है
लक्ष्य-
इस योजना का मुख्य लक्ष्य 3 सालों में 15 से 35 वर्ष की उम्र के अंतर्गत आने वाले 10 लाख ग्रामीण युवाओं को रोजगार वितरण करना है
दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना में गरीब ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर मासिक मजदूरी प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलो में से एक है

प्रमुख बिंदु-
1. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 1500 करोड़ रुपए का प्रारंभिक फंड आवंटित किया गया था
2. इस योजना के तहत बाजार की मांग की समाधान के लिए तथा कौशल से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 25696 ₹ से लेकर एक लाख ₹ तक प्रति व्यक्ति वित्तीय सहायता प्रदान करता है
3. इस योजना के तहत 250 से अधिक व्यापार क्षेत्रों जैसे- विद्युत उद्योग, चमड़ा उद्योग मोटर वाहन, निर्माण रत्न एवं आभूषण, पाइपलाइन आदि क्षेत्रों को अनुदान प्रदान करता है
4. इस योजना के तहत 576 घंटे (3 महीने) से लेकर 2304 घंटे (12 महीने) तक के प्रशिक्षण अवधि परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है
5. दीनदयाल उपाध्याय परियोजना विदेश प्लेसमेंट को भी प्रोत्साहित करती है
6. पंडित दीनदयाल योजना को पूरे देश में लागू किया गया है या योजना 33 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 610 जिले में कार्यान्वित की गई है इसमें 50 से अधिक क्षेत्रों से जुड़े 250 से अधिक ट्रेडो को शामिल करते हुए 202 से अधिक परियोजना कार्यान्वयन एजेंसीओं की साझेदारी है .